“हीरे की कीमत आईने से भले ही लाख गुना महंगी हो,
                                              लेकिन तब भी हीरा पहनने के बाद लोग आईने को ही ढूंढते हैं|
    Motivational story | Motivational hindi story | जीवन मे अगर हारही मिले तो यह कहाँनी देखे । ગુજરાતી વાર્તા   पुराने जमाने की मिट्टी खोदने वाला एक मजदूर था और वह मिट्टी खोदने के बाद उस मिट्टी को अपने गधे पर लाद करके कारीगर तक पहुंचाता था एक दिन मिट्ठी खोद रहा था तो मिट्टी खोदते खोदते उसे जमीन में से एक चमकीला पत्थर मिला बड़ा अट्रैक्टिव था उसे बड़ा पसंद आया उसने उसको बिना देरी के अपने गधे के गले में जो है बांध दिया और फिर से मिट्टी लाद करके जाने लगा जब वो मिट्टी लाद कर के उस गधे को लेकर के जा रहा था अपने कारीगर के पास में तभी उसे रास्ते में उस गांव के एक सेठ जी मिले छोटी सी किराने की दुकान चलाते थे सारे गांव वाले सेठ जी सेठ जी कहते थे उनको सेठ जी ने कहा मेरे भाई इसको कहां लेकर के जा रहे हो गधे को बोले बस वही अपने काम पर जा रहा हूं बोले नहीं गधे के गले में जो है इसको कहां लेकर के जा रहे हो बोले बस ये तो आज से मेरी हो गई मुझे मिली है जमीन में सेठ जी ने कहा ये चमकीला पत्थर मुझे पसंद आ रहा है मुझे दे कितने में दोगे तो गरीब आदमी था उसने कहा एक किलो गुड़ दे दो आप मैं आपको दे दूंगा सेठ जी ने 50  का एक किलो गुड़ जो था उसको दे दिया उससे व चमकीला पत्थर ले लिया अब सेठ जी को बड़ा पसंद आ रहा था |
हिंन्दी कहानी पढे
Hindi – 11
बड़ा चमक रहा था तो सेठ जी ने ले जाकर के अपने गांव में उनकी जो दुकान थी किराने की उसके तराजू की डंडी में बांध दिया और बड़े शौक से जो उसको जो है रखने लगे बारबार उसको देखते थे कितना चमकीला है एक दिन उनके गांव में संयोग से एक जोहरी आया और उसने देखा कि किराने की दु दुकान चलाने वाले सेठ जी के पास में तराजू की डंडी में हीरा बंधा हुआ है उसकी तो आंखें खुली की खुली रह गई उसने पूछा यह क्या है बोले अरे चमकीला पत्थर है हमारे गांव में मिला हमने देखो कितने शौक से बांध के रखा है जोहरी ने कहारे यह मुझे दे दोगे बोले हां दे देंगे 100 दो अभी दे देंगे वो जरी बड़ा कंजूस था उसने कहा 100 नहीं र दूंगा सेठ जी उठ गए कि नहीं 100 फिर से वो कहने लगा नहीं सेठ जी ने कहा भाई सच सच बताऊं मैंने तो एक किलो गुड़ देकर के इसे एक मजदूर से खरीदा है और 50 का एक किलो गुड़ था अब मैं तुम्हें कम से कम 100 में तो दूंगा डबल तो प्रॉफिट होना चाहिए बेनिफिट होना चाहिए मुनाफा तो कमाओ कंजूस जौरी को लगा कि ये मान नहीं रहे उसने कहा मैं कल फिर आता हूं वो अंदर ही अंदर सोचने लगा कि कल आऊंगा कल शायद मान जाए 80 में बात बन जाए यह सोच कर के वो उस चमकीले पत्थर को यानी कि हीरे को वहीं छोड़ कर के चला गया और किस्मत ऐसी घूमी कि उसी शाम में एक दूसरा जोहरी अपनी कार में बैठ कर के जा रहा था |
ગુજરાતી વાર્તા વાંચો
Gujarati – 11
उस गांव के रास्ते से दूसरे शहर में और उसकी कार उसी गांव में आकर के खराब हो गई उसकी कार खराब हुई तो इंतजार करने लगा कि ड्राइवर उसे ठीक कर दे तो अब क्या करें तो गांव घूमने लगा तो वहां देखा कि किराने की दुकान है सेठ जी बैठे सोचा कुछ खाने पीने का आइटम ले लेते हैं दुकान के पास गया तो जाकर के देखता है कि वही तराजू की डंडी में एक चमकीला पत्थर जो है व टंगा हुआ है यानी कि हीरा बंधा हुआ है अब उससे रहा नहीं गया उसने भी पूछा भाई यह कितने का दिया सारे काम छोड़ो यह बताओ सेठ जी ने कहा देखो भैया 100 का से एक रुपया कम नहीं आज सुबह भी एक आया था ये ले जाना चाह रहा था कि 8 र मैंने मना कर दिया 100 रप से एक रुपया कम नहीं लेना हो तो लो नहीं तो बात खत्म करो दूसरा जो जोहरी आया हु था बड़ा समझदार था फटाफट उसने 100 का नोट दिया वो चमकीला पत्थर यानी कि हीरा रख लिया और जैसे ही कार ठीक हुई रवाना हो गया कहीं वापस ना ले ले सेठ जी अगले दिन वह कंजूस जौरी आया और कंजूस जौरी आकर के देखता है कि तराजू की डंडी में से उगाया पूछने लगा कहां गया वो पत्थर सेठ जी ने कहा वो तो कि क्या हुआ हाथ से आया मौका निकल गया अब गुस्से में क्या करें गुस्सा निकालना था तो उसने सेठ जी को कहा कि तुम्हें पता भी है चमकीला पत्थर नहीं था वह बहुत महंगा हीरा था ।
Read English Story
English – 11
और तुमने उसे ऐसे ही दे दिया 100 में सेठ जी भी बहुत कलाकार थे उन्होंने कहा भाई मेरी छोड़ो मुझे तो पता भी नहीं था व हीरा तुम तो समझदार हो तुम तो परख करते हो तुम तो पारखी हो तुम्हें जब पता था कि लाखों का हीरा है तो रप के लिए क्यों झगझग कर रहे थे तुम उसे 100 रुप देकर के कल ले सकते थे लेकिन तुमने मौका मिस कर दिया तुम मुझसे बड़े बेवकूफ हो मूर्ख हो कंजूस जरी था उसके अलावा कर भी क्या सकता था पछताता रह गया बहुत छोटी सी कहानी जिसका सार यह समझाता है कि लाइफ में प टी आती है अवसर आता है लेकिन हम में से कई लोग कल करेंगे परसों करेंगे एक तारीख से करेंगे सोमवार से करेंगे अगले हफ्ते से नए साल से इसी सब में मौका मिस कर देते हैं और बाद में सोचते रह जाते हैं कि लाखों की अपॉर्चुनिटी थी ऐसे ही चली गई शुभ स्य शीघ्रम यह मंत्र याद रखिए शुभ कार्य को जितना शीघ्र किया जाए उतना बेहतर होता है लाइफ में|Time is money | Saving Motivational Story in Hindi Time | Hindi Story | हिंन्दी कहानी । ગુજરાતી વાર્તા