”    खुश रहने का यह मतलब नहीं, कि सब कुछ ठीक है|
                              उसका यह मतलब है, कि आपने दुखों से ऊपर उठकर जीना सीख लिया है|
            एक बुजुर्ग महिला की मृत्यु हो गई यमराज उनकी आत्मा को लेने के लिए आए तो बुजुर्ग महिला ने उनसे पूछा कि यमराज मुझे ये तो बताइए कि आप कहां लेकर के जा रहे हैं स्वर्ग में ले जा रहे हैं या नरक में ले जा रहे हैं यमराज मुस्कुराया और कहने लगे कि आपने पूरे जीवन प्रभु की भक्ति की है प्रभु बड़े प्रसन्न हुए हैं और प्रसन्नता के कारण आपको प्रभु के धाम बुलाया गया है तो हम आपको ना स्वर्ग ले जाएंगे ना नरक ले जाएंगे आपको सीधे प्रभु के धाम ले जाएंगे तो बुजुर्ग महिला बड़ी प्रसन्न हुई कहने लगी कि प्रभु ने कृपा बरसा दी लेकिन मेरे मन में एक प्रश्न था एक जिज्ञासा थी बड़ी इच्छा थी कि मैं देख पाती कि स्वर्ग कैसा होता है नरक कैसा होता है क्योंकि यहां पर सुना था कि जब भी किसी की जान जाती है मृत्यु होती है तो स्वर्ग जाता है |
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Hindi – 8
              नरक जाता है यमराज ने कहा क्योंकि आपने इतनी भक्ति की है तो आपकी इच्छा पूरी की जाएगी हम प्रभु के धाम चले लेकिन इस रास्ते से चलेंगे पहले नरक आपको दिखाएंगे फिर आपको स्वर्ग दिखाएंगे और फिर जो है प्रभु के धाम में चलेंगे माता जी बड़ी प्रसन्न हुई कि ठीक है सबसे पहले नरक आया वहां पर लोग चिल्ला रहे थे चीख रहे थे रो रहे थे बहुत गम का माहौल था दुख का माहौल था एक भय का वातावरण बना हुआ था माता जी ने चारों तरफ देखा तो बीच में एक बर्तन जो था ऊंचाई पर लटका हुआ था 100 फीट की ऊंचाई थी और एक बड़ी सी चम्मच जो थी व लटकी हुई थी माता जी ने वहां जो लोग रो रहे थे उनमें से किसी से पूछा कि इतना रो क्यों रहे हो क्यों परेशान हो और यह म का इस बर्तन में है क्या तोय कहने लगा इसमें तो बड़ी स्वादिष्ट सी खीर बनी है तैयार है लेकिन हम खा नहीं पा रहे हैं और रो इसलिए रहे क्योंकि भूखे हैं बहुत दिन पहले कुछ खाया था तब से अब तक दर्द में है भूख के मारे प्राण निकले जा रहे हैं प्राण जाते नहीं है
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Gujarati – 8
                  और यह पीड़ा खत्म नहीं हो रही है बुजुर्ग महिला ने कुछ लोगों से और पूछा उन्होंने भी यही जवाब दिया कि क्या करें बर्तन इतनी ऊंचाई पर है कैसे पहुंचेंगे वहां तक आप ही बताओ बुजुर्ग महिला वहां से चल दी कि चलो एक बार चल कर के स्वर्ग भी देख ले वहां क्या है जब स्वर्ग की तरफ गए तो ठहा की आवाज आ रही थी खुशनुमा माहौल था हंसी मजाक चल रहा था लोग बड़े प्रसन्न थे उन माता जी ने फिर से चारों तरफ देखा तो उन्हें दिखाई दिया कि बीच में ठीक वैसा ही सीन था जैसा नर्क में था बीच में एक बर्तन जो था व लटका हुआ था ऊंचाई पर 100 फीट की ऊंचाई पर और एक बड़ा चम्मच जो था लटका हुआ था उसके साथ में लेकिन लोग बड़े प्रसन्न थे तो माता जी ने किसी एक से पूछा कि बताइए इतनी ऊपर जो है बर्तन लटका इसमें क्या है महक बड़ी अच्छी आ रही उसने कहा खीर बनी है माता जी समझ गई कि सेम सिचुएशन है दोनों तरफ माता जी ने कहा फिर आप तो पहुंच नहीं पाते होंगे भूख लगती होगी भूख के मारे पीड़ा होती होगी प्राण निकलते होंगे और आप तो बड़े खुश हैं सब प्रसन्न है तो एक व्यक्ति ने कहा कि वो जो सबसे सीनियर बैठे हैं उनसे जाकर के पूछिए व आपको इसका उत्तर देंगे तो उन सब में जो सबसे सीनियर थे उनके पास माता जी गई और कहने लगी कि आप ही बताइए ये मेरे मन अंदर जिज्ञासा है कि कैसे जो है आप बर्तन तक पहुंचते हैं कैसे सबको जो है प्रसाद मिल जाता है भूख मिट जाती है भूख तो लगती होगी ना इतना ऊपर बर्तन लटका कैसे पहुंचो ग तो वो सीनियर थे वो मुस्कुराने लगे कहने लगे कि आपने दही हांडी के बारे में नहीं सुना वो जन्माष्टमी पर जब हांडी उत्सव होता है तो जो लोग होते हैं एक के ऊपर एक चढ़ कर के पहुंच जाते हैं |
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English – 8
Motivational story | Motivational hindi story | जीवन मे अगर हारही मिले तो यह कहाँनी देखे । ગુજરાતી વાર્તા
                  हांडी तक हमारे यहां भी जितने नौजवान हैं उनकी एक टोली बनाई हुई है व एक के ऊपर एक चढ़ कर के जो है वहां तक पहुंच जाते हैं और सबके लिए प्रसाद लेकर के आ जाते हैं सबको प्रसाद मिल जाता है सब भरपेट प्रसाद पाते हैं और प्रसन्न रहते हैं हम एक दूसरे की मदद करते हैं मेहनत करते हैं अच्छा सोचते हैं तभी यह विचार आया है कि वहां तक जाया जा सकता है और बस खुश होकर के जीते हैं माता जी को समझ में आ गया कि प्रभु ने दोनों के लिए परिस्थितियां एक जैसी रखी लेकिन अपने ही कर्मों से कोई स्वर्ग का सुख भोग रहा था और कोई नरक में रो रहा था माता जी खुशी खुशी प्रभु के धाम चली गई बड़ी छोटी सी कहानी है जिसका सार यह सिखाता है कि सिचुएशन सेम रहेगी लेकिन आप कैसे रिएक्ट करते हैं आपका रिएक्शन क्या होता है आप कितनी मेहनत करते हैं आप कितनी मदद करते हैं दूसरों की आप कितना अच्छा सोच पाते हैं लाइ आपकी वैसे ही बनती चली जाएगी वो स्वर्ग वाली भी हो सकती है नरक वाली भी हो सकती है और प्रभु के लिए हम सब बच्चे एक समान है उन्होंने सबको एक जैसी सिचुएशन दी है किसी की परिस्थितियां जो है उसको देख कर के कोई रोने लगता है और कोई उसी में से अवसर निकाल लेता है अपने जीवन को बदल देता है तो जब भी आपके हालात विपरीत हो तो उनको कोसना बंद कीजिए हालातों को बदलना शुरू कीजिए अपनी मेहनत के दम पर अपने विचारों के दम पर अपनों के साथ के दम पर इसीलिए आपसे कहता हूं ऊपर वाले के आशीर्वाद के साथ अपनी मेहनत के साथ अपनों के प्यार के साथ कर दिखाओ कुछ ऐसा कि दुनिया करना चाहे आपके जैसा