“अभिमान कहता है, कि मुझे किसी की जरूरत नहीं है ।
और अनुभव कहता है, कि समय आने पर मिट्टी की भी जरूरत पड़ेगी।”
दोस्तों पुराने जमाने में की एक लड़का सेठ जी के यहां नौकरी करता था सेठ जी ने एक दिन उसको काम पर से निकाल दिया उदास क्योंकि बेरोजगार हो चुका था अपने घर की तरफ चलता चला जा रहा था उदास होकर के गांव की सड़क पर अचानक से उसे किसी की आवाज आई कि इस गांव में कोई मजदूर मिलेगा पीछे पलट कर के दे देख तो एक बाबा जी कंधे पर तीन झोले लेकर के चलते चले आ रहे थे लड़के ने पूछा क्या हो गया क्या काम है तो बाबा जी ने कहा देखो बेटा मेरे पास में तीन झोले हैं यह सबसे बड़ा भारी है इसको कोई उठा लेता मुझे यहां से दूसरे गांव तक जाना है उस झोले को लेकर के कोई मेरे साथ उस गांव तक चल देता तो मैं उसे तीन सोने के सिक्के देता लड़के ने कहा बड़ा अच्छा सौदा है तो अभी काम से निकला हूं काम मिल गया लड़के ने कहा ठीक है |
हिन्दी वार्ता
मैं लेकर के चलूंगा नौजवान हट्टा कट्टा लड़का उसने वो बड़ा झोला अपने कंधे पर टांग लिया चलने लगा बाबाजी बीच-बीच में उसे देख रहे थे लड़के को ला के इनको शक हो रहा है कि मैं झोला लेकर के भाग जाऊंगा मैं क्या करूंगा इसका लड़के ने पूछ लिया वैसे कि इसमें है क्या बड़ा भारी सा लग रहा है बाबा जी ने कहा बेटा इसमें तांबे के सिक्के हैं लड़के ने कहा अच्छा अच्छा चलने लगे आगे की तरफ नदी आई लड़का तो पार करने लगा नदी को बाबा जी इसी किनारे पर खड़े थे तो वो जो लड़का था उसने पूछा क्या हो गया आप आ क्यों नहीं रहे बाबा जी ने कहा बेटा मेरे पास में अभी भी दो झोले हैं और अगर गलती से मेरा पांव फिसल गया मेरा बैलेंस गड़बड़ हो गया संतुलन बिगड़ गया तो मैं नदी के बहाव में बह जाऊंगा डूब जाऊंगा तुम मेरी कोई मदद कर दो लड़के ने कहा अब क्या करना है बाबा जी ने कहा एक और झोला ले लो मैं तुम्हें तीन और सोने के सिक्के दूंगा लड़के ने कहा वाह बढ़िया सौदा है उसने दूसरा झोला भी ले लिया अब लड़के के पास में दो झोले थे थोड़ा आगे चले तो लड़के ने पूछा कि बाबा जी एक बात बताइए दूसरे वाले में क्याय बड़ा भारी लग रहा है बाबाजी ने कहा बेटा इसमें चांदी के सिक्के हैं लड़के ने कहा अच्छा अच्छा वो जो बुजुर्ग थे बारबार उस लड़के पर नजर रखे हुए थे कि लेकर के भाग ना जाए और उस लड़के को गया था कि बड़े शक की निगाह से मुझे बार-बार देख रहे हैं तो उससे रहा नहीं गया आखिरकार वह पलटा इनकी तरफ और कहने लगा कि आप मेरी बात सुनिए आपके मुझे चोर समझ रहे हैं आपको लग रहा है कि मैं झोले लेकर के भाग जाऊंगा मैं कहीं नहीं जाऊंगा मैंने जीवन में ईमानदारी निभाई है पूरे जीवन में और आज मुझे नौकरी से निकाल दिया गया सेठ जी ने मुझे अपने यहां से काम पर से निकाल दिया क्योंकि सेठ जी मुझे कह रहे थे हेरफेर कर दो गपला करने के लिए घोटाला करने के लिए कह रहे थे पैसों में हेरफेर करने के लिए कह रहे थे मैं ऐसा काम नहीं कर सकता मैं ईमानदार रहना चाहता हूं इसलिए मुझे काम पर से निकाल दिया गया मैं तो अभी-अभी ईमानदारी के चक्कर में नौकरी खो कर के आ रहा हूं आपको क्या लगता है |
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मैं आपके झोले लेकर के भागू वो बुजुर्ग हंसने लगे कि नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है चलते रहे आखिरकार वह जगह आ गई जहां से वह गांव बहुत पास था एक पहाड़ था उसको पार करना था पहाड़ की उस तरफ तलहटी में वो गांव था उस लड़के से बाबा जी ने कहा देखो बेटा एक झोला बचा है मेरे कंधे पर लेकिन मुझे नहीं लगता कि मैं इसका वजन भी उठा कर के पहाड़ चढ़ पाऊंगा मैं अकेले ही पहाड़ चढ़ जाऊं बहुत काफी है क्या तुम यह एक एक और झोला ले लोगे मैं तुम्हें तीन और सोने के सिक्के दूंगा लड़के ने कहा लाइए मैं उठा लेता हूं लड़का तीनों झोले लेकर के धीरे-धीरे पहाड़ चढ़ने लगा अपनी स्पीड से और बाबा जी उससे भी स्लो स्पीड में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे और कह रहे थे कि तुम चलो चलो ऊपर चलो पहुंच जाओ ऊपर तक और वहां बैठ कर के मेरा इंतजार कर लेना मैं आ ही रहा हूं अपनी स्पीड से तुम अपनी स्पीड से चलो लड़के ने कहा ठीक है उसने थोड़ी और स्पीड बढ़ा ली और जब वो आधा पहाड़ चढ़ चुका था तो उसके दिमाग में बुरा विचार आया उसे लगा कि यह बाबा बुजुर्ग बाबा यह मेरा क्या कर लेगा अगर मैं तीनों झोले लेकर के भाग जाऊं इसमें से एक में है तांबे के सिक्के दूसरे में चांदी के और तीसरे में बताया नहीं लेकिन सोने के ही होंगे क्योंकि छोटी सी पोटली है तो अगर मैं तीनों सिक्के झोले इनको लेकर के भाग जाऊ तोय क्या कर लेंगे मेरा यह मुझे पकड़ भी नहीं पाएंगे इनको पता भी नहीं चलेगा कहां चला गया यह विचार लगातार चलने लगा बुरा विचार और लड़के से रह नहीं गया वो दौड़ने लगा और दौड़ते दौड़ते इतना दौड़ा कि सीधा जाकर के अपने घर पर रुका तीनों झोले जाकर के उसने रखे और उसको उम्मीद थी कि जो सबसे छोटा उसमें तो सोने के निकलेंगे सिक्के उसने सबसे पहले बड़ा वाला झोला खोला पत्थर ही पत्थर भरे हुए थे दूसरा वाला खोला उसमें पत्थर ही पत्थर थे और तीसरे वाले में भी पत्थर थे बस क्वांटिटी एक में सबसे ज्यादा फिर कम और सबसे कम लड़के का दिमाग खराब हो गया कि बाबा क्यों झूठ बोल रहा था क्या नाटक कर रहा था अपनी कहानी बना रहा था सबसे छोटा जो झोला था उसमें जब पत्थर हटाए तो एक पर्ची मिली कागज मिला जिस पर लिखा था कि बेटा मैं इस राज्य का राजा हूं |
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मैं अपने लिए राजकुमार को तलाश रहा था मेरे कोई संतान नहीं है मैं राज्य का अगला राजा ढूंढ रहा हूं जिसे मैं अपना उत्तराधिकारी घोषित कर सकूं और ईमानदार व्यक्ति ढूंढ रहा हूं अगर तुमने आज यह तीनों झोले नहीं चुराए होते तुम इनको लेकर के नहीं भागे होते तो शायद आज ही तुम इस राज्य के राजा बन जाते लेकिन तुमने मुझे धोखा दे दिया लड़का फूट फूट के रोने लगा कि पूरे जीवन ईमानदारी करी और एक स्टेप जो थी वो गलत रख दी सब बिगड़ गया हम में से बहुत सारे लोग जीवन भर अच्छी क्वालिटीज के साथ आगे चलते हैं अच्छे कदम रखते हुए चलते हैं लेकिन एक कदम एक बार अगर आपने बुराई के जाल में अगर आप फंस गए बाहर नहीं निकल पाएंगे सब बना बनाया खेल बिगड़ जाएगा कई बार बुराई आप पर अटैक करती है व रावण जो है हुमला करता है उस अंदर के रावण को अपने ऊपर हावी मत होने दीजिए वरना सालों की मेहनत जिंदगी भर की मेहनत पर पानी फिर जाएगा जब भी आप पर बुराई हावी हो उस मोमेंट में याद कीजिए कि आप जीवन भर ईमानदारी क्यों निभाते आ रहे थे|