एक बड़ी छोटी सी कहानी एक बिजनेसमैन की जो अपने ड्राइवर के साथ नदी के इस किनारे खड़े होकर के सोच रहा था कि उस पार कैसे जाएं क्योंकि ड्राइवर बता रहा था कि साहब उस पार अगर आपको जाना है सड़क के रास्ते से तो छ से आठ घंटे लग जाएंगे और आपके पास में इतना टाइम है नहीं जो बिजनेसमैन था वो नदी के उस पार जो गांव था वहां पर एक फैक्ट्री खोलना चाहता था और देखने के लिए आया था कि जमीन कैसी है क्या मामला है अब बिजनेसमैन समझ नहीं पा रहा था कंफ्यूज हो रहा था ड्राइवर ने कहा साहब एक आसान काम कीजिए 15 मिनट में आप इधर से उधर चले जाएंगे नाव में सवार हो जाइए बिजनेसमैन को आईडिया अच्छा लगा वो उतरा नदी के किनारे पर देखा तो एक नाव वाला दिखाई दिया उससे कहा भाई उस पार छोड़ दो उसने कहा जरूर साहब बैठ जाइए नाव में सवार हो गया अब उसको लगा कि 15 मिनट का रास्ता है |
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थोड़ी बातचीत करते हैं बताते हैं इसको कि मैं कौन हूं शायद पहचान नहीं पा रहा है तो बिजनेसमैन ने कहा कि अच्छा यह बताओ तुम्हें पता है नदी के उस पार जो है गांव में उधर फैक्ट्री खुलने वाली है नाव वाले ने कहा साब फैक्ट्री ये क्या होती है मैं तो फैक्ट्री के बारे में नहीं जानता बिजनेसमैन को हंसी आ गई बोले क्या अजीब आदमी है तुम्हें ये नहीं पता कि फैक्ट्री क्या होती है इतनी छोटी सी बात नहीं पता नवल ने कहा हां साहब मुझे नहीं पता फैक्ट्री क्या होती है थोड़ा आगे चले बिजनेसमैन को लाया कि इसने मेरी फोटो देखी होगी आज अखबार में छपी है मीडिया ने कवर किया है तो उसने पूछा कि तुमने आज अखबार पढ़ा नावल ने कहा साहब मुझे पढ़ना नहीं आता मुझे अखबार पढ़ना नहीं आता मुझे कुछ सीखा नहीं मैंने जीवन में बिजनेसमैन फिर से हसने लगा कि अजीब आदमी इतनी छोटी सी चीज नहीं आती तुम्हें अखबार पढ़ना नहीं आता मेरी फोटो छपी उसमें देखना फोटो तो देखनी आती है जाकर के देखना कौन आया था|
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तुम्हारे नाव में बैठा था तब तुम्हें समझ में आएगा कि किसको तुम जो है नदी पार करा रहे हो थोड़ा और आगे चले तो बिजनेसमैन ने पूछा कि अच्छा यह बताओ कभी तुम शहर गए हो देखी तुमने वहां पर बड़ी-बड़ी बिल्डिंग वैसी बिल्डिंग बना दूंगा यहां पर गांव में नावल ने कहा साहब शहर तो मैं कभी गया नहीं मैं तो गांव का ही आदमी हूं गांव में रह गया फिर से बिजनेसमैन हसने लगा कि अजीब आदमी हो तुम आज तक शहर नहीं गए गांव में हो कर के रह गए ना वाले ने कहा हां साहब तभी अचानक से नदी में जो था पानी तेज हो गया बहाव बढ़ गया और ना वाले का भी जो था कंसंट्रेशन भंग हो गया क्योंकि लगातार उसका मजाक बिजनेसमैन उड़ा रहा था तो एक बड़े पत्थर से जाकर के नाव टकरा गई और जैसे ही नाव टकराई नाव का संतुलन बिगड़ा और नाव डूबने लगी बिजनेसमैन घबरा गया कहने लगा ये क्या हो रहा है नावल ने कहा साहब अब मेरे हाथ में कुछ भी नहीं है नाव डूबने वाली है आपको तैरना तो आता है |ना बिजनेसमैन ने कहा मुझे तैरना नहीं आता अबकी बार नाव वाले ने मुस्कुरा कर के कहा कि क्या साहब इतनी सी चीज आपको नहीं आती तैरना तो आना चाहिए ना बिजनेसमैन हाथ जोड़ के लगा भाई मुझे बचा लो बस मेरी जान बचा लो बाकी सारी बातें बाद में कर लेंगे मैं तुमसे क्षमा मांगता हूं मुझे माफ करो मुझे बचा लो नावल ने कहा हां साहब आप चिंता मत करो बचा लूंगा बिजनेसमैन ने कहा आता है ना तुम्हें बचाना उसने कहा हां यह मुझे अच्छे से आता है नावल ने कहा बस आप मेरी पीठ पकड़ के रहना मैं आपको पार करा दूंगा उसने बिजनेसमैन को उस बहती नदी में भी नदी पार करा दी बहुत छोटी सी कहानी लेकिन दो बातें सिखाती है पहली यह कि कभी किसी का मजाक मत उड़ाए और दूसरी यह कि जीवन में याद रखिए आपको किसी की भी कभी भी जरूरत पड़ सकती है हम में से बहुत सारे लोग सोचते हैं |
कि इसकी क्या जरूरत पड़ेगी ये तो मेरे काम ही नहीं आएगा रिश्ते ही नहीं बनाते हैं आजकल तो रिश्ते भी वैसे बनाते हैं ना कि काम पड़ेगा इसलिए रिश्ता बना लो इस तरीके से रिश्ते बनाना बंद कीजिए वरना लाइफ में बहुत बड़े संकट में पड़ जाएंगे और हर इंसान की वैल्यू करना शुरू कीजिए क्योंकि कई बार हो सकता है कि जो आपको आता है व उसको नहीं आता लेकिन कई बार कुछ ऐसा काम आ सकता है जो उसको आता हो लेकिन आपको नहीं आता हो तो याद रखिए हर इंसान का सम्मान कीजिए एक बार फिर से वही बात कर दिखाओ