” इस दुनिया में कोई आपके हाथ से छीनकर ले जा सकता है,
लेकिन आपके नसीब से छीनकर नहीं ले जा सकता |”
दोस्तों आपको पुराने जमाने की कहानी है एक राजा साहब के दरबार में एक राजगुरु थे और वो राजगुरु बड़े कम समय के लिए वहां आते थे क्योंकि उनका एक स्कूल था नदी किनारे एक स्कूल में गांव के बच्चों को पढ़ाते थे तो ज्यादा समय स्कूल में बिताते थे एक दिन वो गुरुजी आए हुए थे और जो राजा था वो बड़ी चिंता में था तो गुरुजी ने पूछा कि क्या बात है तो राजा ने बताया कि बेटी जो है विवाह के योग्य हो चुकी है और उचित नहीं मिल पा रहा है क्या किया जाए तो उन्होंने कहा गुरु जी ने कि लाइए मैं कुंडली देख लेता हूं कुंडली देखना शुरू किया तो चौक गए आश्चर्य में पड़ गए विलक्षण प्रतिभा की धनी थी वह कन्या और उसका जो भाग्य था बड़ा उज्जवल दिख रहा था गुरुजी ने उस कुंडली में देख लिया था कि इसकी जिससे शादी होगी अगर वह राजा है तो महाराजा बनेगा महाराजा है तो सम्राट बनेगा सम्राट है तो चक्रवर्ती बन जाएगा जहां जाएगी उस कुल का जो है |
हिन्दी वार्ता
English – 3
उस कुल को आगे लेकर के जाएगी उसको उन्नति के पथ पर लेकर के जाएगी उसका भाग्य चमक जाएगा और जैसे ही जब इन्होंने देखा इनके दिमाग में बुराइयां हावी हो गई इनको लगा कि अगर ऐसा ही कुछ होना है तो मेरी शादी हो जाए मैं ही शादी कर लेता हूं मैं ही महाराजा बन जाऊंगा तो गुरुजी के मन में विकार हावी हो गए बुराइयां हावी हो गई और गुरुजी ने चाल चली उन्होंने कहा राजा से कि राजा साहब बच्ची आपकी जो है विलक्षण प्रतिभा वाली है जिस कुल में जाएगी उसका भाग्य उदय कर देगी कुल का जो है उजाला ही उजाला कर देगी जीवन में लेकिन अगर आप इसका सीधा विवाह करा देते हैं तो यह अड़चन है कि यह कुल का नाश भी कर सकती है वो कुल भी खत्म हो जाए और आपका परिवार भी खत्म हो जाएगा ऐसा इसकी कुंडली में लिखा है राजा चिंता में पड़ गया बोलने लगा कि क्या किया जाए तो गुरु जी ने कहा कि एक बड़ा आसान सा उपाय है आप एक बड़े से बक्से में कन्या को बैठा दीजिए हीरे जवाहरात और ज्वेलरी जो है उसमें रख दीजिए ताकि कहीं आगे जीवन में इसके दिक्कत ना आए और उस बक्से को नदी की धारा में प्रवाहित कर दीजिए स्वेच्छा से जहां यह बक्सा जिसके पास पहुंचेगा जिसकी शादी इससे होगी कन्या से उसके जीवन में उजाला ही उजाला होगा चाहे वह सामान्य सा व्यक्ति क्यों ना हो वो राजा महाराजा बन जाएगा आप चता मत कीजिए मेरी बात पर भरोसा कीजिए गुरुजी की उस चाल में राजा फंस गया राजा ने कहा ठीक है आप कह रहे हैं तो आपको इतना मानते हैं उनकी बात को माना गया एक बड़े बक्से में जो है बैठाया गया उस कन्या को वह नहीं चाह रही थी लेकिन पिताजी की आज्ञा थी तो माननी पड़ी एक नदी की धारा में उसको प्रवाहित कर दिया गया बक्से को बहा दिया गया बहुत सारा उसमें जो है हीरे जवारा ज्वेलरी जो है |
ગુજરાતી વાર્તા
Hindi – 3
भर दी गई थी दौड़ते हुए गुरुजी पहुंचे अपने स्कूल की भैया आने वाला बक्सा जाकर के जो था बच्चों से कहा कि सुनो आज छुट्टी है कोई पढ़ाई बढ़ाई नहीं होगी नदी किनारे पहुंच जाओ एक काम आपको करना है मेरा एक बक्सा बहता हुआ आ रहा है उस बक्से को उठा कर के लाना और मेरे कक्ष में लाकर के रख देना और बाहर से दरवाजा लगा देना मैं चाहे लाख चिल्लाऊंगा मत खोलना बच्चों ने कहा ठीक है गुरु जी जो आपकी आज्ञा बच्चों के तो मजे आ गए पहुंच गए नदी किनारे नहाने लग गए इंतजार करने लगे कि बक्सा आ जाए बह कर के लेकिन कहते हैं ना कि जो योग है संयोग है उसके आगे किसी की चलती नहीं है वो बक्सा नदी की धारा में प्रवाहित होता हुआ बहता हुआ आ रहा था और नदी किनारे एक दूसरे राज्य का राजकुमार जो था अपने सिपाहियों के साथ में वहां विश्राम कर रहा था हाथ मुह धो रहा था क्योंकि जंगल में शिकार खेलने आया था तो थक चुका था उसने देखा कि एक बक्सा बहता हु आ रहा है नदी में उसने अपने सिपाहियों से कहा कि जाओ जाकर के देखो सैनिकों से कहा सैनिक गए जाकर के उस बक्से को पकड़ के लाए और जब उसे खोला तो उसमें सुंदर कन्या निकली राजकुमार चौक गया उसने कहा देवी आप कौन है और आप इस हालत में कैसे तो उस राजकुमारी ने अपना परिचय दिया इंट्रोडक्शन दिया सारी बात बताई कि ऐसा ऐसा हुआ तो राजकुमार ने कहा अब क्या करना है तो राजकुमार ने कहा पिताजी ने आज्ञा दी थी कि बक्सा खुल जाए उसी से विवाह होगा आप मुझसे विवाह कर लीजिए मेरे तो जो भी है व आप ही है राजकुमार ने वही हीरे की अंगूठी पहना दी क्योंकि उसमें अंगूठियां तो थी ज्वेलरी तो आई थी साथ में तालियां बजा दी सैनिकों ने विवाह हो गया अब राजकुमार को लाक खाली बक्सा भेजेंगे नदी में सही नहीं र कु इसमें डाल देते हैं |
Motivational story in Hindi | Story In Hindi | Inspiring Hindi | ગુજરાતી વાર્તા – 1Motivational story in Hindi | Story In Hindi | Inspiring Hindi | ગુજરાતી વાર્તા – 1
English story
Gujarati – 3
तो एक सामान उसमें डाल दिया उधर नदी किनारे जो बच्चे थे वह इंतजार कर रहे थे गुरुजी का आदेश था कि एक बक्सा बहते हुए आएगा तो उन्हें इंतजार था कि आने वाला है तभी उनकी नजर पड़ी एक बक्सा बहता हुआ आ रहा था बड़ी मशक्कत के बाद उसको नदी में से निकाला बक्से को बड़ा भारी था 20 2 जो बच्चे थे सब मिलकर के उसको उठाने लगे और ले जाकर के जैसे तैसे गुरुजी के कमरे में जाकर के उसको छोड़ दिया गुरु जीी ने तो आदेश दिया था बाहर से दरवाजा लगा देना बाहर से दरवाजा लगा दिया गुरुजी अंदर थे और बड़े उत्साहित थे कि बक्सा खुलेगा कन्या जो है इसमें होगी और शादी कर लूंगा और मेरा भाग्य चमक जाएगा बिना देरी के उन्होंने बक्सा खोला तो अंदर जिंदा भालू था वो राजकुमार जंगल में शिकार के लिए आया था तो एक जिंदा भालू पकड़ लिया था उसने उसी भालू को उसने उस बक्से में बंद कर दि दिया था जैसे ही बक्सा खुला जिंदा भालू बाहर निकला व तो परेशान हो रखा था भालू वो अटैक करने लगा गुरुजी पर गुरुजी चिल्लाने लगे बचाओ बचाओ जो बच्चे थे उनको आवाज आ रही थी गुरुजी की बचाओ बचाओ लेकिन उनको पता था गुरुजी ने कहा था कितना भी चलाऊ दरवाजा मत खोलना एक लड़के ने सोचा कि खोल देता हूं दरवाजा तो मॉनिटर ने डांट दिया कि नहीं मना किया था गुरुजी ने सारे बच्चे चुपचाप रहे बाहरी और अंदर जो भालू था व हमला करने लगा गुरु जीी को लगा कि अब तो जान जाने वाली है तब उन्होंने चौक उठाई और ब्लैकबोर्ड पर लिख दिया ममो देवना शम देव इच्छा प्रबलम राज द्वारे राज कन्या विप्र भालु भक्त यानी कि राज द्वार पर राज कन्या पहुंची ही गई जो उसका भाग्य था जो लिखा हुआ था कि उसकी शादी जिससे होगी वह राजा से महाराजा महाराजा से सम्राट बनेगा वह पहुंच गई और एक गुरु को भालू खा गया यानी कि मेरी इच्छा का नाश हो गया और उनकी इच्छा प्रबल रही जीवन में जो होना है वह होकर के रहेगा अगर आपकी बुराइयां आप पर हावी हो गई तो आपका अंत निश्चित है इसलिए बुराइयों को अपने ऊपर हावी मत होने दो