यह कहानी है, एक लड़के की एक लड़का था । जिसको शक्कर खाने की बुरी आदत थी। पर दिन-रात चकरियां करता था और उसके शक्कर खाने की वजह से उसकी मां परेशान रहती थी कि कोई चीज अगर ज्यादा भी हो जाए तो उसके भी साइड इफेक्ट होते हैं । तो इस बात को लेकर उसकी मां परेशान रहती थी और उसे बार-बार शक्कर ना खाने के लिए मना करती थी । लेकिन वह लड़का अपनी मां की बात नहीं सुनता था, तो उसी गांव में एक बाबा जी रहते थे । जिनको लड़का बहुत मानता था।
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उनकी हर एक बात सुनता था तो उसकी मां ने सोचा कि बाबा जी से कहने लगी कि आप इसे शक्कर ना खाने के लिए मना कीजिए। उसने अपने बेटे को बाबू जी के पास लेकर गई बाबा जी एक पेड़ के नीचे बैठे हुए थे । इस औरत ने बाबा जी से कहा, “कि बाबा जी आप मेरे बेटे से सिर्फ इतना कह दीजिए कि वह आबसे शक्कर ना खाएं।” बाबा जी ने उस औरत से कहा, “कि यह बात मैं तुम्हारे बेटे से अगले हफ्ते कहुंगा तुम अपने बेटे को अगले हफ्ते मेरे पास लाना।” वह औरत अपने बेटे को लेकर चली गई ।
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पूरा एक हफ्ता गुजरने के बाद वह फिर से अपने बेटे को बाबा जी के पास लेकर आएं । बाबा जी पेड़ के नीचे बैठे हुए थे। बाबा जी ने उस लड़के से सिर्फ इतना कहा, कि बेटे अभिषेक तुम शक्कर मत खाना बाबा जी के इतना कहने से ही वो लडका बाबा जी की बात को मान गया । लेकिन उसकी मां हैरान थी कि सिर्फ इतना सा कहने के लिए बाऊजी मुझे एक हफ्ते के बाद बुलाया और उसने बाबा जी से पूछ ही लिया , कि बाबा जी सिर्फ इतना सा कहने के लिए तुमने मुझे एक हफ्ते के बाद क्यों बुलाया है?
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इस सवाल का जवाब थोड़ा ध्यान से सुनिएगा हां बाबा जी ने कहा कि एक हफ्ता पहले मैंने भी शक्कर खाना नहीं छोड़ा था ।
दोस्तों एक कोर्ट है कि जो बदलाव हम संसार में लाना चाहते हैं, वहीं बदलाव पहले हमें खुद मे लाना पड़ेगा । अगर हम दुनिया को बदलना चाहते हैं, तो पहले हमें खुद बदलना पड़ेगा । दोस्तों आप लोगों ने ज्यादातर देखा होगा घर में जो बड़े लोग होते हैं, वह अपने से उम्र में छोटे लोगों को या आप बच्चों को कहते हैं, यह काम मत करो लेकिन वह खुद करते हैं । तो सोचो की बात का बच्चों पर क्या असर पड़ेगा? आप यह बड़े-बड़े मोटिवेशनल स्पीकर देखते है, यह ही बन जाते हैं नहीं, पहले अपने आप को बदलते हैं तभी लोग उनकी बातों को मानते हैं। उनकी बातों पर अमल करते हुए याद रखिए सबसे पहले अपने आप को बदलिये दुनियां खुद बदल जाएगी ।